( तर्ज:-- कीर्तन की हैं रात )
https://www.youtube.com/watch?v=R0CdGGfXnO0&t=8s&ab_channel=DhanrajSahuSinger
स्थाई:-- बाबा भोलेनाथ ,
मेरी नैया को उबारो ना ,-२
मेरे केवटिया बन जाओ ना ---
(१) तन पे लगाये भस्म,
अंग छाल सोहे है ,
सर्पो की माला है |
धारे जो सिर पे गंग,
माथे पे प्यारा चन्द्र ,ये डमरू वाला है |
विष पीकर भोले ने-२,
सब देवो का मान बढ़ाया है
भक्तों का काम बनाया है ------
बाबा भोलेनाथ-----------
(२) जग का सहारा तू,
गौरा का प्यारा तू,
खाली ना लौटाना |
विश्वास पूरा हे,
कर देगा मेरा काम,
जो दिल में सोचा है |
बालक तेरा आज -२,
विष के सागर से पुकारे ||
यो रो-रो नीर बहावे है ----
बाबा भोलेनाथ-----------
(३) गरजी ने भोलेनाथ ,
अरजी लगादी है ,
मरजी अब तेरी है |
उद्धार कर देना,
तुम माफ़ कर देना ,
कहता जो मेरी है |
शिव शंकर भोलेनाथ -२,
शरणे " दास " तेरे आया है |
बाबा की सिफारिश लाया हे----
बाबा भोलेनाथ-----------
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